गुरुवार शाम प्रणब ने भाषण से पहले डॉ हेडगेवार के निवास का दौरा किया और विज़िटर बुक में लिखा, ”मैं आज यहां भारत मां के महान सपूत डॉ के बी हेडगेवार को श्रद्धांजलि देने आया हूं.”
जैसे ही उन्होंने ये लिखा, ये पन्ना सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसके बाद प्रणब के भाषण की भी काफ़ी चर्चा हुई.
लेकिन उसके बारे में काफ़ी बातें हो चुकी हैं. यहां बात उस शख़्स की, जिनके निवास पर पूर्व राष्ट्रपति गए और जिन्होंने संघ को खड़ा किया.
डॉ केशव बलिराम हेडगेवार कौन थे, कहां से आते हैं, उन्होंने संघ को कैसे खड़ा किया, उनके मुताबिक इसकी क्या ज़रूरत थी, इन सभी सवालों के जवाब तलाशने ज़रूरी हैं.
इस कहानी की शुरुआत 22 जून 1897 को होती है. इस तारीख़ को रानी विक्टोरिया की ताजपोशी की 60वीं सालगिरह थी. लेकिन आठ साल का एक बच्चा शांत, दुखी था.
उस बालक ने समारोह में हिस्सा नहीं लिया और घर लौट गया. घर पहुंचकर मिठाई फेंकी और एक कोने में बैठ गया.
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